एहसास


कल अचानक ख्याल हुआ जो देखा मैंने सराब,
भूल ज़मीं क्यूँ दरकार रहती है हमें आसमां की !
एक जनम पे किलकारी, एक आखिरी हिचकी,
दो साँसों की  कहानी है ज़िन्दगी इन्सान की!



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