खुदा की नियामत

नाज़ुक सी कली  है वोह
नाज़ों से पली है वोह !
गुरुर है मेरा खज़ाना है
मेरी आँखों का नूर है वोह !!

हॅंसती है तो धूप खिल जाती है
उदास हो तो बदरी घिर जाए !
खिलखिला कर जब डालती है गले में मेरे बाहें
बागों में गुलाब खिलाती है वोह !!

सुंदरता की मूरत अलंकृता है
हम सब के दिल की धड़कन है !
रखे सब का ख़याल है जैसे
भगवान का आशीर्वाद वोह !!

आज जन्मदिन पर यही दुआ है अब
मिलें दुनिया जहान कि सब खुशियां उसे !
करे हम सब का नाम रोशन
पहुंचे सबसे ऊँचे मुकाम पर वोह !!

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