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Showing posts from February, 2014

चाहतों की चूड़ियाँ

चाहतों  की चूड़ियाँ पहन के आओ बैठो मेरे पास कुछ पल ! पूछें अपने दिल का हाल तुम्हारे दिल की धडकनों से हम !! बताएँ कुछ आपबीती सुने कुछ ज़बानी तुम्हारी ! पोंछे आंसूं तुम्हारे अपने होठों से साँसे मिला लें कुछ तो जी लें !! दोहराएँ वोह कसमें वोह वादे भरोसा हो मोहबत का फिर से ! चलें बादलों के ऊपर हम मिलन हो जिस्म ओ आत्मा का !! चाहतों  की चूड़ियाँ पहन के आओ बैठो मेरे पास कुछ पल ! भूल दुनिया कि रस्में बना ले आज की रात सुहागन हम !!
हर रात लेता हूँ तुम से वचन, कि न आओगे मेरे स्वप्नों में ! फिर ढूंढ़ता हूँ स्वयं हर क्षण, विचलित हो निद्रा में, यथार्थ में !! क्यूँ हो रहा हूँ इतना अधीर, ये क्या हुआ है मुझे ! तुम्हारा प्रेम पाने का विचार क्यूँ बन रहा है मेरा स्वार्थ !! चाहा था तुम्हे हृदय से -आत्मा से, फिर आँखों की ललक का क्या औचित्य !

एहसास

कल अचानक ख्याल हुआ जो देखा मैंने सराब, भूल ज़मीं क्यूँ दरकार रहती है हमें आसमां की ! एक जनम पे किलकारी, एक आखिरी हिचकी, दो साँसों की  कहानी है ज़िन्दगी इन्सान की!

खुदा की नियामत

नाज़ुक सी कली  है वोह नाज़ों से पली है वोह ! गुरुर है मेरा खज़ाना है मेरी आँखों का नूर है वोह !! हॅंसती है तो धूप खिल जाती है उदास हो तो बदरी घिर जाए ! खिलखिला कर जब डालती है गले में मेरे बाहें बागों में गुलाब खिलाती है वोह !! सुंदरता की मूरत अलंकृता है हम सब के दिल की धड़कन है ! रखे सब का ख़याल है जैसे भगवान का आशीर्वाद वोह !! आज जन्मदिन पर यही दुआ है अब मिलें दुनिया जहान कि सब खुशियां उसे ! करे हम सब का नाम रोशन पहुंचे सबसे ऊँचे मुकाम पर वोह !!

यादें

उस समय का कुछ याद है कुछ बिखर सा गया है   समय के साथ साथ कुछ  धुंधला सा गया है !! वो चेहरा और उस चेहरे पर वो मुस्कराहट गालों पर पड़ने वाले वो गढ़े और आँखों की चमक उसके बालों की लटें और उसकी हंसी की खनक ! उसके हाथों का मलमली होने का आभास गरम सांसों की खुशबु और नरम होठों की मिठास कंपकपाते बदन का अपने आप में सिमट जाना और गले से निकलती हिचकी कि आवाज़ !! रंगीन कागज़ों पर लिखी उसके दिल की तड़प ग़ज़लों और गानों में गूंजते हमारे अरमान पटरी बाज़ार से खरीदी वो सस्ती सी अंगूठी एकसाथ खाई चॉकलेट का वो कागज़ !! कल्पनाओं में बसाय वो गृहस्ती के सामान बच्चों के नाम और पर्दों दीवारों के रंग कभी न लड़ने की कसमें और मुस्कुराने के वादे कुर्ते में टांका वो बटन और गुलाब का वो फूल !! दूरियों में भी करीब होने का एहसास दिलाते वो ख़त ज़िन्दगी की मजबूरियों से हारते मेरे हालात अपनी नाकामी का इलज़ाम उसके नाम उसके टूटे दिल से निकले हुए वो अलफ़ाज़ !! उसे खो कर उन लम्हों की खामोशियाँ कसक से चीखों और फिर आंसुओं तक का मेरा सफ़र हर राह हर मंज़िल हर जगह उसे ढूंढ़ती मेरी आँखें उसकी हर निशानी लौटा देने का मलाल !!