अलविदा नंदू चाचा

ऐसा क्यूँ होता है हँसते हँसते कभी आंसू भी निकल जाते हैं 
साया जिनका रहना हो ज़रूरी वोह बेवक्त चले जाते हैं
चाहें कोई कहे इसे गुस्ताखी पर कहूँगा यह आज ज़रूर 
खुदा भी अक्सर ऐसी गलतियाँ कर जाते हैं!
अलविदा  नंदू  चाचा !!!!!

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