जाने क्या होगा

शाम धुआं धुआं है
रात भीगी भीगी सी है
सुबह का अंजाम
जाने क्या होगा !

साँसों में घुटन है
धड़कनो में है डर
दिल का मेरे हाल
जाने क्या होगा !

किस कदर बेकरारी है
आँखों में नमी और दिल भारी है
इन आहों का असर
जाने क्या होगा !

रंगीनियों में स्याही है
आबादियों में है वीरानी
सुलझे ख्यालों का सबब
जाने क्या होगा !

ख्यालों में मिलते हैं
बदन में हैं फासले
मिलन और जुदाई का फर्क
जाने क्या होगा !

 शाम धुआं धुआं है
रात भीगी भीगी सी है
सांस रही गर तो
सुबह रौशनी का खज़ाना होगा !!

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