मेरी बेटियां

जब कभी मुझे अपनी माँ याद आती हैं 
मैं अपनी बेटियों की गोद में सर रख लेता हूँ। 
जब कभी यह दुनिया मुझे सताती है 
मैं अपनी बेटियों से बात कर लेता हूँ। 
जब कभी खुश होना चाहता हूँ  
मैं अपनी बेटियों की तरफ देख लेता हूँ। 
जब कभी अपनी कामयाबी बताना चाहूँ 
मैं अपनी बेटियों का नाम पुकार लेता हूँ। 
मेरी बेटियां - मेरा अभिमान - अंशिका और अलंकृता। 

Comments

Popular posts from this blog

Cyber Security Primer X

Cyber Security Primer IV